अध्याय
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1.1 आईसीडी और सीएफएस के बीच अंतर

आईसीडी और सीएफएस थोक में माल वाले कार्गों के कन्टेनरीकरण एवं इसके विपरीत के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं। अधिकतर आईसीडी संबंधित गेटवे पोर्ट से रेल द्वारा जुड़े होते है, और यह आईसीडी और सीएफएस के बीच एक मुख्य अंतर है। सीएफएस विशिष्ट रूप से पोर्ट के निकटवर्ती या बहुत समीप होते है और अक्सर रेल कनेक्टिविटी नहीं होती है।

एक आईसीडी सामान्य तौर पर गेटवे पोर्ट से दूर देश के आंतरिक भागों (पोर्ट टाउन के बाहर) में स्थित होता है। दूसरी ओर, सीएफएस सर्विसिंग पोर्ट के पास स्थित एक ऑफ डॉक सुविधा है जो कि कार्गो और सीमाशुल्क से संबधित गतिविधियों को पत्तन क्षेत्र के बाहर करके भीड़ कम करने में सहायता करता है। सीएफएस से मुख्य तौर पर एक पत्तन के निकटवर्ती भीतरी प्रदेश में प्रारंभ /समाप्त होने वाले थोक कार्गो को सम्भालने की अपेक्षा की जाती है और आंतरिक स्थानों से रेल जनित यातायात की भी व्यवस्था कर सकता है।

1.2 आईसीडी और सीएफएस के कार्य

आईसीडी या सीएफएस के मुख्य कार्यों का निम्न रूप से सार प्रस्तुत किया गया है :

  • कार्गो की प्राप्ति और प्रेषण/वितरण।
  • कन्टेनरों की स्टफिंग एवं स्ट्रिपिंग।
  • सर्विंग पोर्ट से तथा उन तक रेल/रोड द्वारा पारगमन परिचालन
  • सीमाशुल्क निकासी।
  • एलसीएल कार्गो का समेकन और पृथक्करण।
  • कार्गो और कन्टेनरों का अस्थायी भण्डारण।
  • कन्टेनर इकाइयों का अनुरक्षण एवं मरम्मत।

आईसीडी और सीएफएस का एक विहंगावलोकन नीचे प्रस्तुत किया गया है।

1.3 अन्तरदेशीय कन्टेनर डिपो

1.3.1आईसीडी का भौगोलिक वितरण और संव्यवहारों की मात्रा

वाणिज्यिक विभाग (डीओसी) द्वारा अनुरक्षित डाटा के अनुसार मार्च 2017 तक (परिशिष्ट I)। देश में 129 आईसीडी थे। सीबीईसी (अब सीबीआईसी) द्वारा प्रदान किए गए डाटा के अनुसार देश में 80 सक्रिय आईसीडी थे। 1992 में आईसीडी के संस्थापन के लिए डीओसी को नोडल एजेंसी बनाए जाने से पूर्व स्थापित आईसीडी इसमें शामिल है।

सक्रिय आईसीडी पर सीबीईसी डाटा के अनुसार, राज्यवार वितरण दर्शाता है कि महाराष्ट्र क्षेत्र में आईसीडी की अधिकतम संख्या (13) है, उसके बाद उत्तर प्रदेश (11), तमिलनाडु (10), हरियाणा (9) और गुजरात (8) हैं।दिल्ली में भारत का सबसे बडा आईसीडी है, जिसका नाम आईसीडी तुगलकाबाद है। उत्तरी राज्य जम्मू व कश्मीर में कोई आईसीडी नहीं है और अमीनगांव, असम में केवल एक आईसीडी है जो कि संपूर्ण उत्तर पूर्व की आवश्यकताऐं पूरी करता है।

संव्यवहारों की मात्रा के संदर्भ में, (आयात के आगम पत्र और निर्यात के लिए शिपिंग बिल) आईसीडी द्वारा व्यापार की सबसे अधिक मात्रा दिल्ली (22 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (16 प्रतिशत), तमिलनाडु (14 प्रतिशत), कर्नाटक (10 प्रतिशत), गुजरात (8.5 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (7 प्रतिशत) में थी। इन छह राज्यों ने मिलकर भारत के कुल आईसीडी संव्यवहार की मात्रा का 78 प्रतिशत कारोबार किया।

स्रोत: 80 कार्यशील आईसीडी के लिए डीजी (सिस्टम), सीबीईसी से प्राप्त 2012-13 से 2016-17 तक का आईसीडी संव्यवहार डाटा

1.3.2 आईसीडी के माध्यम से प्रबंधित आयात और निर्यात के मूल्य

2016-17 में देश में 80 सक्रिय आईसीडी जिन्होंने ₹ 4,27,404 करोड़ का आयात और निर्यात प्रबंधित किया था, में से दस आईसीडी ऐसे थे जिनसे कुल व्यापार मूल्य का 61.2 प्रतिशत व्यापार किया था। इन दस में पांच आईसीडी ऐसे थे जहां से ₹ 1,94,485 करोड़ (45.5 प्रतिशत) का निर्यात तथा आयात किया गया था। ये आईसीडी तुगलकाबाद, दिल्ली (19.8 प्रतिशत), आईसीडी व्हाइटफील्ड, बैंगलुरू (7.4 प्रतिशत), आईसीडी साबरमती (7 प्रतिशत), आईसीडी तूतीकोरीन (5.8 प्रतिशत) और आईसीडी गढ़ी हरसरू, गुड़गांव (5.6 प्रतिशत) थे।

स्रोत: 80 कार्यशील आईसीडी के लिए डीजी (सिस्टम), सीबीईसी से प्राप्त 2012-13 से 2016-17 तक का आईसीडी संव्यवहार डाटा

(अधिकतम मूल्य का व्यापार प्रबंधित करने वाले शीर्ष दस आईसीडी की वर्षवार स्थिति को एक वर्ष विशेष का चयन करके इंटरैक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है)

1.3.3 आईसीडी के माध्यम से आयात तथा निर्यात में वृद्धि की प्रवृत्ति

पूर्ण रूपये के संदर्भ में, आईसीडी के माध्यम से वर्ष दर वर्ष आयात का मूल्य वि.व. 2013 में ₹ 117,455 करोड़ से वि.व. 2017 में ₹ 162,469 करोड़ तक बढ़ा। वृद्धि प्रवृत्ति ने दर्शाया कि आयात में वि.व. 2014 तथा वि.व. 2015 में लगभग 16 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई परन्तु वि.व. 2016 से कमी होना प्रारम्भ हो गया। वि.व. 2016 के दौरान वार्षिक वृद्धि दर महज 0.6 प्रतिशत थी तथा वि.व. 2017 के दौरान मामूली रूप से 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

आईसीडी के माध्यम से निर्यात मूल्य वि.व. 2013 में ₹ 190,249 करोड़ से वि.व. 2017में ₹ 264,935 करोड़ तक बढ़ा। वार्षिक वृद्धि दर वि.व. 2014 के दौरान 27.5 प्रतिशत थी परन्तु वि.व. 2015 के दौरान 8.2 प्रतिशत तक कम हुई, जो वि.व 2016 में और 31 प्रतिशत तक कम हुई जिसके बाद वि.व 2017 में 4.2 प्रतिशत की हल्की सी वृद्धि के साथ प्रवृति में बदलाव आया। नीचे दिया गया ग्राफ आईसीडी के माध्यम से आयातो तथा निर्यातो में वृद्धि की अखिल भारतीय प्रवृति को दर्शाता है।

स्रोत: डीजी (सिस्टम), सीबीईसी से प्राप्त 80 कार्यशील आईसीडी का 2012-13 से 2016-17 तक का आईसीडी सव्यंवहार डाटा

(व्यक्तिगत आईसीडी के माध्यम से आयातों तथा निर्यातों के मूल्य में वृद्धि की वर्ष-दर-वर्ष प्रवृत्ति को एक विशिष्ट आईसीडी पोर्ट कोड का चयन करके इंटरैक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है)

1.3.4आईसीडी द्वारा प्रबंधित किए गए ट्रैफिक की मात्रा (टीईयू में) में वृद्धि की प्रवृति

लेखापरीक्षा में नमूना जांच किए गए 382 कार्यात्मक आईसीडी में से 37 (परिशिष्ट 1ए) का टीईयू में वार्षिक रूप से प्रबंधित कार्गों की मात्रा का डाटा उपलब्ध था जिससे यह देखा जा सकता है कि इन 37 आईसीडी द्वारा प्रंबंधित टीईयू में वि.व. 2013 में 13.41 लाख से वि.व. 2017 में 15.96 लाख, चार वर्षीय अवधि में 17.5 प्रतिशत तक की वृद्धि की।

यह देखा गया है कि आईसीडी द्वारा प्रंबंधित कंटेनरीकृत ट्रैफिक की मात्रा ने वि.व. 2015 तक वृद्धि प्रवृ‍त्ति दर्शाई जिसके बाद वि.व. 2016 में 2.2 प्रतिशत की कमी हुई थी। टीईयू मात्राओं में कमी प्रमुख रूप से 2014-15 से 2015-16 के बीच प्रबंधित निर्यात टीईयू में कमी के कारण थी। वि.व. 2017 में वृद्धि पुन: 4.2 प्रतिशत तक बढ़ी।

स्रोत: लेखापरीक्षा में नमूना जांच किए गए 38 कार्यशील आईसीडी में से 37 से उपलब्ध डाटा

(व्यक्तिगत आईसीडी के माध्यम से टीईयू में यातायात की मात्रा में वृद्धि की वर्ष-दर-वर्ष प्रवृत्ति को एक विशिष्ट आईसीडी नाम का चयन करके इंटरैक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है)

1.3.5 आईसीडी के माध्यम से आयात तथा निर्यात का उपयोगी-वस्तु प्रोफाइल

2012-2017 तक की समयावधि में आयात और निर्यातक संविहार डेटा का विश्लेषण आईसीडी के माध्यम से किए गए आयात तथा निर्यात का उपयोगी वस्तुप्रोफाइल प्राप्त करने के लिए किया गया था। उपयोगी वस्तुप्रोफाइल भारतीय व्यापार वर्गीकरण: हार्मोनाइज्ड सिस्टम (आईटीसी-एचएस) के इक्कीस सेक्शन और कस्टम टैरिफ शेड्यूल के समान सेक्शन में वर्णित उत्पाद श्रेणियों पर आधारित है।

1.3.5(i) आयात की वस्तु प्रोफाइल :

वि.व. 2013 से वि.व. 2017 तक मुख्य उत्पाद श्रेणियाँ (i) मकैनिकल और इलेक्ट्रिकल उपकरण और उनके पुर्जे (26.4 प्रतिशत) (ii) बेस मेटल जैसे लोहा, कॉपर, निकेल आदि और उनके उत्पाद (21.3 प्रतिशत) (iii) प्लास्टिक,रबड़ और उसके उत्पाद (13.67 प्रतिशत) (iv) रसायन, उर्वरक, दवाईयाँ, साबुन, प्रसाधन सामग्री इत्यादि (7.7 प्रतिशत) (v) वस्त्र और वस्त्र उत्पाद (5.6 प्रतिशत) आदि को आईसीडी के माध्यम से आयात(मूल्य के अनुसार) किया गया था। आयातों का वस्तुप्रोफाइल वि.वर्ष 2015और 2016 के अतिरिक्त 2013-2017 की पांच वर्ष की अवधि के दौरान अधिकांश वैसा ही बना रहा, जब उत्पाद श्रेणी‘‘रत्न और आभूषण, मंहगी धातुएं, सिक्के, मोती आदि’’का भारी आयात देखा गया और यह इन दो वर्षों में आयातित सर्वोच्च पाँच उत्पाद श्रेणियों मे से एक था।

स्रोत: डीजी (सिस्टम), सीबीईसी से प्राप्त 80 कार्यशील आईसीडी के लिए 2012-13 से 2016-17 तक आईसीडी संव्यवहार डाटा प्राप्त किया गया।

(विशेष आईसीडी पोर्ट कोड और वर्ष का चयन करके व्यक्तिगत आईसीडी के माध्यम से आयातों के वर्ष-वार उपयोगी वस्तुप्रोफाइल को इंटरैक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है)

1.3.5(ii) निर्यात की वस्तु प्रोफाइल

वि.व. 2013 से वि.व. 2017 के दौरान आईसीडी से निर्यातित मुख्य उत्पाद श्रेणियाँ) (मूल्य अनुसार) (i) वस्त्र और वस्त्र उत्पाद (24 प्रतिशत), (ii) रसायन, उरर्वक, दवाईयां, साबुन, प्रसाधन सामग्री आदि (12.5 प्रतिशत) (iii) मकैनिकल और इलेक्ट्रिकल उपकरण और उनके पुर्जे (12.3 प्रतिशत),(iv) बेस मेटल जैसे लोहा, कॉपर, निकल, आदि और उसके उत्पाद (12.1 प्रतिशत) (v) अनाज, मसाले, फल, चाय, काफी आदि (10.1 प्रतिशत) (vi) आटोमोबाईल्स,एयरक्राफ्ट, जलयान, बोट,लोकोमोटिव आदि (7 प्रतिशत) को आईसीडी के माध्यम से निर्यात (मूल्य-वार) किया गया था। 2012-17 की पांच वर्ष की अवधि के दौरान वस्त्र और वस्त्र उत्पाद श्रेणी का सबसे अधिक निर्यात किया गया। इस उत्पाद श्रेणी का निर्यात मूल्य वि.वर्ष 2013 में ₹ 37,601 करोड़ से वि.वर्ष 2017 में ₹ 77,691 करोड़ हो गया जो दुगुने से भी अधिक था जिससेआईसीडी के माध्मय से कुल निर्यात के उनके भाग में 19.7 प्रतिशत से 29.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दूसरी तरफ, उत्पाद श्रेणी,‘अनाज, मसाले, फल, चाय, काफी आदि’ वि.वर्ष 2013 और वि.वर्ष 2014 में दूसरी सबसे बड़ी उत्पाद श्रेणी थी जो वि.वर्ष 2015 में पांचवी सबसे बड़ी उत्पाद श्रेणी बन गई और आगे 2016 और 2017 में छठे स्थान पर आ गई। इस उत्पाद श्रेणी की निर्यात कीमत इस पांच वर्ष अवधि के दौरान ₹ 31,252 करोड़ से ₹ 16,620 तक कम हो गई।

स्रोत: डीजी (सिस्टम) से प्राप्त 80 कार्यशील आईसीडी के लिए 2012-13 से 2016-17 तक आईसीडी संव्यवहार डाटा

(पृथक आईसीडीज के माध्यम से निर्यातों का वर्ष-वार वस्तुप्रोफाईल विशेष आईसीडी पोर्ट कोड तथा वर्ष के चयन द्वारा इंटरएक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है)

1.3.6आईसीडी के माध्यम से हुए आयातों का मूल देश

जैसा कि चित्र 7 में देखा गया, 2016-17 में, आईसीडी के माध्यम से भारत का सबसे बड़ा आयात स्रोत चीन रहा (34 प्रतिशत),जिसके बाद जापान (8.6 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (5.7 प्रतिशत), यूएसए और थाईलैंड़ (दोनों 5.1 प्रतिशत) और यह प्रवृति पिछले 5 वर्षो से वैसी ही रही है।

स्रोत: डीजी (सिस्टम) से प्राप्त 80 कार्यशील आईसीडी के लिए 2012-13 से 2016-17 तक आईसीडी संव्यवहार डाटा

(पृथक आईसीडीज के माध्यम से निर्यातों का वर्ष-वार वस्तुप्रोफाईल विशेष आईसीडी पोर्ट कोड तथा वर्ष के चयन द्वारा इंटरएक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है। बुलबुलों का आकार आयातों का मूल्य दर्शाता है।)

चित्र 8 में आईसीडी के माध्यम से आयातित विभिन्न उत्पाद श्रैणियों का देश-वार प्रोफाईल दर्शाया गया है। यह देखा गया कि वर्ष 2016-17 में, चीन सभी मैकेनिकल तथा इलैक्ट्रिकल माल, मूल धातु, रसायन तथा उर्वरक, टेक्सटाईल उत्पाद, प्लास्टिक और रबड़ उत्पाद के आयात का सबसे बडा स्रोत था। यूएसए कागज तथा कागज उत्पाद का सबसे बड़ा स्रोत था और जापान आटोमोबाईल तथा उसके पुर्जो के आयात का सबसे बड़ा स्रोत था।

स्रोत: डीजी (सिस्टम) से प्रापत 80 कार्यशील आईसीडी के लिए 2012-13 से 2016-17 तक आईसीडी संव्यवहार डाटा

(विभिन्न आईसीडी से आयात के मूल देश की वर्षवार प्रवृति को नीचे दिए गए इन्टरेक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है। बुलबुले का आकार आयात के मूल्य को इंगित करता है।)

1.3.7आईसीडी से निर्यातों का गंतव्य

जैसा कि चित्र 9 में देखा गया 2016-17 में,आईसीडी से भारत से निर्यात के लिए मुख्य गंतव्य देश यूएसए (17.6 प्रतिशत), यूएई (10.8 प्रतिशत), यूके (5.6 प्रतिशत), कोलम्बियां (4.6 प्रतिशत) तथा जर्मनी (4 प्रतिशत) थे।

स्रोत: डीजी (सिस्टम) से प्राप्त 80 कार्यशील आईसीडी के लिए 2012-13 से 2016-17 तक आईसीडी संव्यवहार डाटा

(विभिन्न आईसीडी से साल वार निर्यात करने के लिए विशिष्ट वर्ष और आईसीडी पोर्ट कोड चयन करने के लिए इन्ट्राएक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है।)

इसके अलावा, चित्र 10 आइसीडी से निर्यातित विभिन्न उत्पाद श्रेणियों का देशवार प्रोफाईल दर्शाती है। यह देखा जाता है कि वर्ष 2016-17 में, यूएसए को मुख्य निर्यात रसायन तथा उर्वरक, मैकेनिकल एवं इलैक्ट्रिकल माल,बेस मेटल, ऑटोमोबाइल तथा अनाज, मसालें, फल, चाय कॉफी आदि का था जबकि यूएई कपड़े तथा कपड़ा उत्पादों के लिए मुख्य निर्यात गंतव्य था।

स्रोत:- डीजी (सिस्टम) से प्राप्त 80 कार्यशील आईसीडी के लिए 2012-13 से 2016-17 तक का आईसीडी संव्यवहार डाटा

(विभिन्न आईसीडी के माध्यम से वर्ष-वार निर्यातो को विशेष वर्ष और आईसीडी पोर्ट कोड का चयन करके इंटरैक्टिव ग्राफ में देखा जा सकता है)।

1.4 कंटेनर फ्रेट स्टेशन

वाणिज्य विभाग (डीओसी) द्वारा रखे गये डाटा के अनुसार, मार्च 2017(परिशिष्ट I)को देश में 168 सीएफएस थे। सीबीइसी ने लेखापरीक्षा के लिए इन सीएफएस का संक्षिप्त डाटा उपलब्ध कराया।

1.4.1सीएफएस का भौगोलिक वितरण

वर्ष 2016-17 के लिए सीबीईसी डाटा के अनुसार, तमिलनाडु में सीएफएस (50) की अधिकतम संख्या थी जिसके बाद 43 और 24 सीएफएस के साथ क्रमश: महाराष्ट्र और गुजरात थे। सीएफएस पर सीबीईसी के संक्षिप्त डाटा के अनुसार, आयात और निर्यात संव्यवहार (42.6 प्रतिशत) की अधिकतम संख्या महाराष्ट्र में थी जिसके बाद तमिलनाडु (21.9 प्रतिशत) और दिल्ली (14 प्रतिशत) हैं। तथापि, चूंकि दिल्ली में कोई सीएफएस नहीं है इसलिए प्रतीत होता है कि डाटा वायुयान फ्रेट स्टेशन से संबंधित हो सकता है।

स्रोत: डीजी (सिस्टम) सीबीईसी से प्राप्त 168 सीएफएस के लिए 2012-13 से 2016-17 तक संक्षिप्त संव्यवहार डाटा

1.4.2मुख्य पोर्टों की तुलना में सीएफएस द्वारा आयात और निर्यात का मूल्य

सीएफएस मुख्य पोर्टों की ऑफ-डॉक सुविधा के रूप में कार्य करते हैं और उनका कार्य कार्गो और सीमाशुल्क संबंधित गतिविधियों को पत्तन क्षेत्र के बाहर कर मुख्य पत्तन की भीड़ कम करना है। सीएफएस से मुख्य पत्तन के समीपवर्ती समुद्र तट में प्रारंभ/समाप्त होने वाले थोक कार्गों को सम्भालने की अपेक्षा की जाती है तथा ये आन्तरिक स्थानों से आने जाने वाले रेल जनित यातायात को भी सम्भाल सकते हैं।

मुख्य पोर्टों की तुलना में सीएफएस द्वारा किए गए आयात का तुलनात्मक विश्लेषण दर्शाता है कि मुख्य पोर्टोंके माध्यम से किए गए आयात सम्बन्धित सीएफएस में किए गए आयातों से कहीं अधिक है। दूसरी तरफ सीएफएस के माध्यम से किये गए निर्यातों का मूल्य मुख्य पोर्टों के माध्यम से किए गये निर्यात की तुलना में काफी अधिक है। इस प्रकार यह स्पष्ट रूप से देखा जाता है कि निर्यात की जाने वाली कन्साइनमैंटों को संभालने के लिए सीएफएस पसंदीदा गतंव्य है जबकि सीएफएस द्वारा किए गए आयात की तुलना में मुख्य पत्तनों के माध्यम से आयातों का बढ़ाना जारी है।

स्रोत: डीजी (सिस्टम), सीबीईसी से प्राप्त 2012-13 से 2016-17 तक सीएफएस संव्यवहारों का संक्षिप्त डाटा

1.4.3 सीएफएस द्वारा व्यवस्थित टीइयू में यातायात की मात्रा में वद्धि की प्रवृत्ति

वार्षिक रूप से व्यवस्थित कार्गो के परिमाण (टीइयू में) पर लेखापरीक्षा में नमूना जांच की गई 41 सीएफएस में से, 40 सीएफएस (परिशिष्ट Iबी) से डाटा संग्रहीत किया गया था। सीएफएस द्वारा व्यवस्थित टीईयू वि.व 2013 में 14.68 लाख से बढ़ कर चार वर्ष की अवधि में 22.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वि.व. 2017 में 17.98 लाख हो गये। तथापि, विगत वर्ष की अपेक्षा वि.व. 2017 में 2.5 प्रतिशत तक यातायात की कुल मात्रा में कुल कमी के संबंध में आयातित टीइयू मात्रा में मामूली कमी के साथ-साथ टीइयू के रूप में निर्यात मात्रा में 8.8 प्रतिशत की तीव्र कमी आई थी।

स्रोत: लेखापरीक्षा में 40 क्रियाशील सीएफएस की नमूना जांच से एकत्र किया गया डाटा

(अलग-अलग सीएफएस के माध्यम से टीईयू में यातायात की मात्रा में वृद्धि की वर्ष दर वर्ष प्रवृत्ति को विशेष सीएफएस नाम का चयन करते हुए दर्शाए गए ग्राफ में देखा जा सकता है।)

अध्याय 2

लेखापरीक्षा उद्देश्य, मानदंड तथा लेखापरीक्षा कार्य प्रणाली