सीमा शुल्क क्षेत्र में कार्गो का प्रबंधन विनियम (एचसीसीएआर), 2009 एक सीमाशुल्क क्षेत्र में आयातित माल/निर्यातित माल की प्राप्ति, भण्डारण, सुपुर्दगी अथवा अन्यथा प्रबंधन के ढंग का प्रावधान करता है। सीसीएसपी से यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि कंटेनरों का दक्ष लदान, उतराई, स्टेकिंग, प्रहस्तन, भराई तथा उतराई उनके भंडारण, प्रेषण तथा सुपुर्दगी के लिए पर्याप्त अवसंरचना, उपकरण तथा श्रम सहित पॉवर बैक अप के साथ कस्टम इलैक्ट्रानिक्स डाटा इन्टरचेंज (ईडीआई) सहित सम्बद्धता तथा खतरनाक कार्गो के प्रहस्तन के लिए उपयुक्त सुविधाएं उपलब्ध है। परिसर, जिसमें एक आईसीडी अथवा एक सीएफएस प्रचालित है, उठाईगीरी तथा चोरी से बचने सहित कार्गो की अभिरक्षा के संबंध में अच्छी तरह से संरक्षित एवं सुरक्षित होने चाहिए।
आईसीडी में डीओसी स्थापित करने का अर्थ माल के निर्धारण एवं निकासी, कंटेनरों की भराई तथा उतराई करने के निरीक्षण सहित कंटेनरों की जाँच से है। सीमा शुल्क स्टाफ को स्थायी आधार तथा लागत वसूली के आधार पर नियुक्त किया जाता है। सीएफएस में, सीमा शुल्क कार्य माल की भराई तथा उतराई के पर्यवेक्षण तथा जाँच तक सीमित है। माल का निर्धारण तथा निकासी मुख्य बंदरगाह/आईसीडीएस से होता है जिससे सीएफएस जुडी है। मर्चेंट ओवरटाईम आधार पर नियुक्त सीमा शुल्क अधिकारी सीएफएस में सीमा शुल्क कार्यों का निर्वहन करते है।
क्षेत्राधिकारी सीमा शुल्क कमिश्नर यह सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेह है कि संरक्षक एचसीसीएआर 2009 की शर्तों को पूरा करते है।
लेखापरीक्षा ने चयनित आईसीडी/सीएफएस तथा क्षेत्राधिकारी सीमा शुल्क प्राधिकरणों में उपलब्ध फाईलों तथा रिकार्डों तथा चयनित आईसीडी तथा सीएफएस पर कार्गो के प्रहस्तन के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जाँच निम्नलिखित जानने के लिए की
- एचसीसीएआर 2009 के तहत शर्तों को पूरा करना,
- व्यापार की आवश्यकताओं पूरा करने में सक्षम हैं तथा
- कुशल एवं निर्बाध परिवहन संभार तन्त्र प्रदान करते हैं।
लेखापरीक्षा ने निम्नलिखित निदर्शी मामले देखे: